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'पत्नी को सम्मानजनक जीवन मिले, पति के लिए कष्टकारी भी नहीं हो', SC ने 5 करोड़ स्थायी गुजारा भत्ता तय करते हुए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में पति दुबई में एक बैंक के CEO के रूप में काम कर रहा है और उसका वेतन लगभग 10 से 12 लाख रुपये प्रति माह है. वही पत्नी बेरोजगार है. इसलिए एक मुश्त राशि के रूप में 5 करोड़ की राशि उचित रहेगा.

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